बस इतनी सी बात है, विचार आने दीजिए, पर उसको व्यवहार में ठोस करना जरूरी नहीं है। तो आप सोच लें आपको क्या करना है। सदगुरु सदाफल देव जी भगवान ने कहा है …
मन प्रसन्न के कर्म में, माया बंधन जान ।
संत विवेकी नहीं करे, करे जो मन नहीं मान।।
बस इतनी सी बात है, विचार आने दीजिए, पर उसको व्यवहार में ठोस करना जरूरी नहीं है। तो आप सोच लें आपको क्या करना है। सदगुरु सदाफल देव जी भगवान ने कहा है …
मन प्रसन्न के कर्म में, माया बंधन जान ।
संत विवेकी नहीं करे, करे जो मन नहीं मान।।